कुछ लम्हें ऐसे हमने
पाये है,
ज़िन्दगी के पन्नो
में जो सजाये
है,
वो लम्हें जो यादों
के साये बन
कर,
हर पल हर
ज़र्रे में समाये
है,
कहाँ ढूंढें हम बिखरे
उन मोतियों के
अक्स,
हर बूँद में
सागर समाये है,
ले चले थे
साँसों का काफिला
अकेले ही,
इन लम्हों ने रिश्तों
के मतलब समझाये
है,
अक्सर इन लम्हों
के अंश हम,
बहती लहरो में
पाते है,
लहराती हवाओं के झोके
कई दफा,
अनायास ही उन्हें
ले आते है,
मुस्कुराहटों
के बहाने ये
कुछ लम्हें,
जीवन का प्रतिबिम्ब
कहलाते है,
कुछ लम्हें जो हमने
पाये है,
सुनहरी यादों के सरमाये
है।
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